(Filing of income tax return is a settlement decision) आयकर रिटर्न दाखिल करना एक आधिकारिक निपटान निर्णय है।

 


आयकर रिटर्न दाखिल करना एक निपटान निर्णय है जो की एक समझदारी पूर्ण निर्णय भी है जिसमें आप अपनी आई और कर देयता के बारे में सरकार के साथ एक समझौता कर रहे हैं 


1. आयकर रिटर्न दाखिल करने के वैसे तो आपके कई फायदे हैं 

अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल करते हैं तो आप बिना किसी उलझन के सरकार के साथ अपने कर संबंधों को क्लियर कर सकते हैं वित्तीय अनुशासन के अनुसार आयकर रिटर्न दाखिल करना एक महत्वपूर्ण हिस्सा है जो अपनी आए और व्यय को रिकॉर्ड करने मैं आपकी बेहतर तरीके से मदद करता है जिसके अंदर आपको कर छूट और लाभ का दावा कर सकते हैं जिसमें आप उपलब्ध रहते हैं 

2. आयकर रिटर्न दाखिल न करने के परिणाम क्या है। 

अगर आप आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते हैं तो आपको दंड और जुर्माना दोनों देना पड़ सकता है इसलिए आपको समय सीमा से पहल आयकर रिटर्न दाखिल कर देनी चाहिए आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करने पर कर विभाग आपके खिलाफ कार्यवाही भी कर सकता है जिसमें आपके बैंक खातों को फ्रिज करना या आपकी संपत्ति को जब तक करना शमिल हैं इसलिए आपको समय पर आई का रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए यह एक महत्वपूर्ण निर्णय है जो आपको अपनी कर देयता का का निपटान करने और वित्तीय अनुशासन रखने में मदद करता है इसलिए आपको समय पर आयकर रिटर्न दाखिल कर देना चाहिए.



3. आइटीआर (itr) फाइलिंग की अंतिम तिथियां 2025:

इसमें हम आपको बता दे की आइटीआर 2025 का मतलब वित्त वर्ष 2024 -25 के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करना होता है जिसका मूल्यांकन वर्ष 2025- 26 होता है और आयकर विभाग ने इस वर्ष की मुख्य अंतिम तिथियां की घोषणा भी कर दी है जिसके अंदर अलग-अलग करदाताओं के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तारीख अलग-अलग होती है

*इंडिविजुअल और एचयूएफ (huf) के लिए। 

इन लोगों के लिए अंतिम तिथि 15 सितंबर  2025 है यह लोग उन सभी वेतन भोगी कर्मचारी पेंशन भोगियों छोटी व्यवसायियों और व्यक्तियों के लिए है जिन्हें अपनी आय पर ऑडिट करने की आवश्यकता नहीं है पहले यह बताया जा रहा था कि इसकी तारीख 31 जुलाई 2025 थी जिसे अब आगे बढ़ा दिया गया है

*ऑडिट आवश्यकता वाले व्यवसाय के लए।

ऑडिट वालों के लिए अंतिम तिथि 31 अक्टूबर 2025 यह उन सभी कंपनियों और व्यवसायों के लिए है जिनकी आय और टर्नओवर निश्चित सीमा से अधिक है और जिन्हें अपने खातों को ऑडिट करवाना अनिवार्य है 

*देरी से फाइल करने पर जुर्माना।

यदि आप समय सीमा पर आईटीआर फाइल नहीं करते हैं तो आपको जुर्माना देना पढ़ सकता है 5 लाख से काम आए होने पर विलंब शुल्क 1000 तक हो सकता है 5 लाख से अधिक आय होने पर विलंब शुल्क 5000 हो सकता है इसके अलावा यदि आपको कोई टैक्स बकाया है तो उसे पर भी आपको ब्याज देना पड़ सकता है 

*विलंबित और संशोधित रिटर्न। 

31 दिसंबर 2025 यह ओमकार दाताओं के लिए है जो मुख्य अंतिम तिथि तक अपना रिटर्न फाइल नहीं कर पाते हैं और विलंब रिटर्न करते हैं जिन्होंने पहले से फाइल किए गए रिटर्न में कोई गलती सुधारनी हैं जिसे संशोधित रिटर्न भी कहते हैं इसलिए जमाने से बचने के लिए समय पर अपनी टैक्स प्रक्रिया पूरी करने के लिए अंतिम तिथियां का ध्यान रखना बहुत अनिवार्य है   



4. क्या आइटीआर की तारीख और बढ़ाई जाएगी। 

वैसे तो अभी तक आयकर द्वारा आईटीआर फाइल करने के अंतिम तारीख को आगे बढ़ाने की घोषणा नहीं की गई है वर्तमान में आयकर विभाग ने वित्त वर्ष 2024 25 के लिए आईटीआर फाइल करने की अंतिम तिथि पहले ही बढ़ा दी थी 

5. विभिन्न करदाताओं के लिए आइटीआर फाइलिंग की अंतिम तिथियां। 

*वेतन भोगी कर्मचारियों के लिए और व्यक्तिगत करदाताओं के लिए ऑडिट अनिवार्य नहीं है
*15 सितंबर 2025 ऐसे व्यवसाय जिनके लिए ऑडिट करना अनिवार्य है जैसे की कंपनियों और कुछ फॉर्म 
*31 अक्टूबर 2025 ट्रांसफर प्राइसिंग रिपोर्ट की आवश्यकता वाले करदाता
*विलंब या संशोधित इत्र 31 दिसंबर 2025

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