हम आपकी जानकारी के लिए बता दे की यह जो सूर्य ग्रहण है
यह साल 2025 का आखिरी सूर्य ग्रहण है यह ग्रहण आज 21 सितंबर को लगने जा रहा है यह एक आंशिक सूर्य ग्रहण होगा जो भारत में नहीं दिखाई देगा लेकिन ज्योतिष और खगोलीय दृष्टीकोण से इसका महत्व कम नहीं हैं यह ग्रहण कन्या राशि और उत्तरा फाल्गुनी नक्षत्र में लग है है
1. कितनी रह सकती है सूर्यग्रहण कि अवधि और इसका समय।
अगर सूर्यग्रहण और इसकी अवधि की बात की जाए जाए तो भारतीय समय अनुसार यह ग्रहण आज रात 10:59 पर शुरू होगा और 22 सितंबर की सुबह 3:32 पर समाप्त होगा इसकी कुल अवधि 4 घंटे 24 मिनट होगी
* ग्रहण की शरुआत : 21 सितंबर रात 10:59 बजे तक
* ग्रहण का चरम काल : 22 सितंबर सुबह 1:11 बजे तक
*ग्रहण का मोक्ष काल : 22 सितंबर सुबह 3:23 बजे तक
क्योंकि हम आपको बता दें कि यह सूर्यग्रहण भारत में नहीं दिखाई देगा इसलिए सूतक काल के नियम यहां पर लागू नहीं होंगे हालांकि ग्रहण के दौरान की जाने वाली धार्मिक क्रियाओं का महत्व बना रहेगा
2. पुराणों के अनुसार 122 साल बाद बन रहा है यह दुर्लभ संयोग।
जानने में आ रहा है कि यह ग्रहण एक बेहद खास संयोग लेकर आया है इस साल पितृपक्ष की शुरुआत और समापन दोनों ही सूर्यग्रहण से जुड़े हुए हैं 122 साल बाद ऐसा अद्भुत संयोग बना है इससे पहले 1903 में भी इसी तरह का सहयोग देखने को मिला था ऐसे संयोग बार-बार देखने को नहीं मिलते कई सालों में ऐसे सहयोग बनते हैं ज्योतिष के अनुसार ऐसे सहयोग का प्रभाव विशेष माना जाता है
3. आप इस ग्रहण के दौरान क्या करें।
भले ही यह ग्रहण भारत में नहीं दिखाई दे लेकिन ज्योतिष के अनुसार इसका प्रभाव हर जगह महसूस किया है जा सकता है
इसलिए इस दौरान कुछ खास कार्य करना शुभ माना गया है मंत्र जाप और ज्ञान ग्रहण के समय किए गए मंत्रों का जाप और ध्यान सामान्य दिनों की अपेक्षा अधिक फलदाई होता है इस दिन गरीबों को दान पुण्य करना और जरूरतमंदों की मदद करना बहुत ही शुभ माना जाता है ग्रहण समाप्त होने के बाद स्नान करना और घर को शुद्धिकरण करना अति आवश्यक माना गया है
4. क्या आपको पता है सूर्य ग्रहण क्यों होता है।
अगर आपको पता नहीं है कि सूर्य ग्रहण क्यों होता है तो चलिए आज हम आपको बताते हैं की सूर्य ग्रहण क्यों होता है सूर्य ग्रहण जब चंद्रमा अपनी परिक्रमा के दौरान सूर्य और पृथ्वी के बीच आ जाता है तो वह सूर्य की किरणों को कुछ समय के लिए पृथ्वी तक पहुंचने से रोक देता है इसी खगोलीय घटना को सूर्यग्रहण कहते हैं यह अपने आप में एक अद्भुत प्राकृतिक घटना हैं जिसका धार्मिक और वैज्ञानिक दोनों ही दृष्टिकोण से काफी महत्व है
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