यह साल मध्य प्रदेश के किसानों के लिए बहुत ही बुरा साल है क्योंकि किसानों को किसी भी फसलों का भाव ठीक से है नहीं मिला जिससे किसान बहुत परेशान हो गएहैं है और तो और अभी सोयाबीन की फसल भी इतनी कम निकल रही है क्यों उनकी लागत मूल्य भी नहीं निकल रही जिससे किसान बहुत ज्यादा चिंतित हो गए हैं क्योंकि सोयाबीन में पीला मोजैक आजाने से उनकी सोयाबीन की फसल 50 किलो से एक कुंटल के बीच ही निकल पा रही है जबकि इससे कई ज्यादा उनकी लागत हो गई है किसान दिन-रात मेहनत करके 4 महीने तक अपनी फसलों को तैयार होने तक रखरखाव करता है और फिर बाद में अगर उनको उनके हाथों में कुछ नहीं मिले तो वह करें तो क्या करें।
1. भावांतर भुगतान योजना लागू: सोयाबीन किसानों को मिलेगा msp का पूरा लाभ।
वैसे तो सोयाबीन उत्पादन का सबसे बड़ा राज्य मध्य प्रदेश है जहां सबसे ज्यादा सोयाबीन की खेती की जाती है सोयाबीन की खेती करने वाले किसान अक्सर बाजार में अपनी फसल की कीमत से हमेशा परेशान रहते हैं और कई बार उन्हें न्यूनतम समर्थन मूल्य msp से भी कम दाम सोयाबीन के मिलते है जिससे उनकी लागत निकालना भी मुश्किल हो जाती है और ऐसी समस्या को हल निकालने के लिए सरकार ने महत्वपूर्ण कदम उठाया भावांतर भुगतान योजना को लागू करना लेकिन मेरा मानना है की भावांतर भुगतान योजना से काम नहीं चलेगा सरकार को msp रेट से सोयाबीन की खरीदी करना चाहिए जिससे किसानों को भी घाटा ना हो लेकिन अभी इस पर सरकार ने कोई विचार नहीं किया है और साल को देखते हुए सरकार भावांतरण योजना का झुनझुना किसानों को पकड़ा रही हैं जबकि सरकार को भी पता है की सोयाबीन की फसल में लागत मूल्य निकलना भी मुश्किल हो जाता है और आशा करते हैं कि सरकार इस पर कदम कदम उठाए और एमएसपी रेट पर सोयाबीन की खरीदी हर साल करें और साल दर्द कर सोयाबीन की खरीदी कि दरें भी बढ़ाई जाए जिससे किसानों को फायदा हो सके अभी वर्तमान में msp रेट 5328 हैं लेकिन मार्केट में अभी सोयाबीन की कीमतें है 3500 से 4000 तक ही सीमित है सरकार को इस और जल्द से ध्यान देना चाहिए
2. भावांतर भुगतान योजना के तहत किसानों को मिलेगा msp का पूरा फायदा।
किसानों को सरल भाषा में समझाएं तो भावांतर का मतलब है भाव में अंतर यदि किसानों को उनकी फसल का रेट msp रेट से कम मिलता है तो सरकार इस अंतर की राशि को किसान के बैंक के खाते में सीधा ट्रांसफर कर देती है इस तरह किसानों को msp का परा लाभ सरकार की तरफ से दिया जाता है यह योजना एक वित्तीय सहायता कहलाती है यह किसानों के मनोबल को बढ़ाने और उनकी आर्थिक स्थिति को मजबूत करने की दिशा में एक बड़ा कदम है
* नुकसान का खतरा कम : यह योजना किसानों को बाजार के उतार-चढ़ाव से बचाती है अब उन्हें यह चिंता नहीं करनी होगी कि कम दाम के कारण उन्हें भारी नुकसान उठाना पड़ेगा
* उत्पादन को बढ़वा : इस योजना के कारण किसान अपने फसलों के उत्पादन में बढ़ावा देने में काम करते हैं जब उनकी फसल का उचित मूल्य देने की गारंटी मिलती है तो वह बेहतर गुणवत्ता और अधिक मात्रा में उत्पादन करने के लिए प्रोत्साहित होते हैं
* पारदर्शिता : इसमें भुगतान सीधे किसानों के खाते में होने से पारदर्शिता बनी रहती है और बिचौलियों की भूमिका कम होती है
3. भावांतर भुगतान योजना से किसानों के लिए क्या निष्कर्ष निकलेगा।
सोयाबीन किसानों को भावांतर भुगतान योजना लागू होना किसी बड़ी राहत से कम नहीं है इस योजना से पता चलता है कि सरकार किसानों की आय बढ़ाने और उन्हें आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए प्रतिबद्ध सभी सोयाबीन किसानों को जल्द से जल्द इस योजना के तहत पंजीकरण करा लेना चाहिए ताकि वह किसान msp के पूरे लाभ से वंचित न रहे
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