अब भारत भी कृषि तकनीकी में ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधुनिकरण कर रहा है

 



कृषि तकनीकी में भारत भारत अपनी ग्रामीण अर्थव्यवस्था का आधुनिकरण कर रहा है भारत भी अब कई कृषि तकनीकी क्षेत्रो में आगे निकलने में अग्रसर है आईए जानते हैं भारत कैसे अपने कृषि क्षेत्र में अर्थव्यवस्था का आधुनिकरण कर रहा है 

1. कृषि क्षेत्रो ड्रोन तकनीकी:

अब कई किसान कृषि क्षेत्र में आधुनिकरण के तहत ड्रोन से रासायनिक पेस्टिसाइड का छिड़काव कर रहे हैं और तो और अपनी जमीन की निगरानी भी ड्रोन द्वारा ही कर रहे है सरकार की तरफ से भी नमो ड्रोन दीदी जैसे पहल शुरू की है जिसका मुख्य उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों मैं 15,000 से अधिक महिला नेतृत्व वाले स्वयं सहायता समूह को लाइसेंस से प्राप्त ड्रोन ऑपरेटर बनने के लिए प्रशिक्षित करना सरकार का मुख्य उद्देश्य है ड्रोन का इस्तेमाल करना किसानों के लिए बहुत ही हितकारी फैसला है इसके इस्तेमाल से रासायनिक दवा के छिड़काव के दौरान जहरीली कीटनाशक के संपर्क में आने से बच जाता है और इसके इस्तेमाल से फसलों को भी कोई नुकसान नहीं होता और इसके साथ समय की बचत भी हो जाती है

2. ड्रिप इरीगेशन और फवारा विधि : 

किसानों के लिए ड्रिप इरीगेशन और फवारा विधि एक ब्रह्मास्त्र के तौर पर है इसमें सबसे ज्यादा पानी की बचत होती है और अधिक मात्रा में फसल पैदावार की जा सकती है और किसानों को इस अत्याधुनिक तकनीक द्वारा बहुत ही ज्यादा लाभ प्राप्त हो रहा है अगर जिन जगह पर पानी की बहुत ज्यादा किल्लत हो तो वहां यह तकनीक एक वरदान के समान है वहां पर कम पानी में ज्यादा फसल  उगाई जा सकती है और ड्रिप इरीगेशन और कई कृषि प्रोडक्ट के लिए राज्य सरकार व केंद्र सरकार सब्सिडी भी दे रही है जिससे किसानों को बहुत ज्यादा फायदा मिल रहा है

 3. बदलते मौसमों के अनुकूल जलवायु प्रतिरोध फसलें :

मौसम की चरम घटनाएं अब फसल सुरक्षा के लिए एक बड़ा खतरा बन गई है क्योंकि अब आए दिन सूखा बाढ़ और लू की घटनाएं लगातार बढ़ रही है इसके नतीजे सार्वजनिक और निजी दोनों ही संगठन जलवायु प्रतिरोध बीजों की ऐसी किस्म विकसित कर रहे हैं जो उपज से समझौते किए बिना तनाव को झेल सके। 
और भी इसके अलावा वैज्ञानिक वर्तमान में फसल सुधार के और अधिक कुशल तरीके विकसित करने पर काम कर रहे हैं जो की जलवायु परिवर्तन के कारण सामना करने मे मदद करेंगे प्राकृतिक मौसमों के अनुसार क्लाइमेट चेंज में परिवर्तन हो गया है जिसके कारण कीटों को सहन करने वाली बदलते क्लाइमेट को सहन करने वाली फसलों को उगाने के लिए अत्यआधुनिक तकनीक का उपयोग कर रहे हैं 


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